Sunday 4 September 2022

मोटर दुर्घटना दावा| दावा की गई राशि से अधिक मुआवजा दिया जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट

*मोटर दुर्घटना दावा| दावा की गई राशि से अधिक मुआवजा दिया जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट*

किसी भी अधिकार का दावा करने के लिए अंतर विभागीय पत्राचार/ फाइल नोटिंग पर भरोसा नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी भी अधिकार का दावा करने के आधार के तौर पर अंतर-विभागीय पत्राचार पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने कहा, "किसी भी चीज के राज्य सरकार के आदेश रूप में तब्दील होने से पहले दो चीजें आवश्यक हैं। पहला, अनुच्छेद 166 के खंड (1) के अनुसार राज्यपाल के नाम पर आदेश जारी करना होगा और दूसरा, इसे संप्रेषित करना होगा।"
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मुद्दा यह था कि क्या हाईकोर्ट के लिए बढ़ी हुई राशि के अवॉर्ड को 6,50,000 तक सीमित करना उचित होता, हालांकि मुआवजे की निर्धारित राशि 12,84,600 रुपये थी? जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने अपील को अनुमति देते हुए कहा, *"कानून बखूबी तय है कि मुआवजे के मामले में वास्तव में यथोचित और देय राशि दी जाए, बावजूद इसके कि दावेदारों ने कम राशि की मांग की है* और दावा याचिका का मूल्यांकन कम मूल्य पर किया गया है। हमारे विचार का आधार *रामला और अन्य बनाम नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और अन्य* 2019 2 SCC 192 के मामले में इस कोर्ट द्वारा दिए गया निर्णय है।"
उक्त टिप्पणी के साथ कोर्ट ने अपील को अनुमति दी और माना कि दावेदार 6% ब्याज के साथ 12,84,600 रुपये मुआवजे के हकदार हैं। यह बढ़ा हुआ मुआवजा है। 

केस डिटेलः मोना बघेल बनाम सज्जन सिंह यादव | 
2022 लाइव लॉ (SC) 734 | SLP (C) No. 29207/2018 | 30 अगस्त 2022 | 

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