Tuesday 3 May 2022

वक्फ एक्ट - समर्पण के सबूत के अभाव में एक जर्जर ढांचे को धार्मिक स्थल की मान्यता नहीं दी जा सकती : सुप्रीम कोर्ट

 वक्फ एक्ट - समर्पण के सबूत के अभाव में एक जर्जर ढांचे को धार्मिक स्थल की मान्यता नहीं दी जा सकती : सुप्रीम कोर्ट 

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि 'समर्पण' या 'उपयोगकर्ता' या 'अनुदान' के सबूत के अभाव में, जिसके जरिए वक्फ अधिनियम, 1995 की धारा 3 (आर) के संदर्भ में एक जीर्ण दीवार या प्लेटफॉर्म को 'वक्फ' माना जाएगा, उक्त ढांचे को नमाज अदा करने के लिए धार्मिक स्‍थल के रूप में मान्यता नहीं दी जा सकती है।

जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की खंडपीठ ने राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर एक अपील को खारिज कर दिया, जिसके तहत जिंदल सॉ लिमिटेड को खनन के लिए आवंटित भूखंड से एक ढांचे को हटाने की अनुमति दी गई थी, जिस पर वक्फ बोर्ड, राजस्थान ने दावा किया था कि यह एक धार्मिक स्थल है। केस शीर्षक: वक्फ बोर्ड, राजस्थान बनाम जिंदल सॉ लिमिटेड और अन्य।

https://hindi.livelaw.in/category/news-updates/supreme-court-weekly-round-up-a-look-at-some-special-ordersjudgments-of-the-supreme-court-197970

No comments:

Post a Comment