Tuesday, 9 September 2025

आयु-छूट लेने वाले आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार सामान्य श्रेणी सीटों पर नहीं जा सकते: सुप्रीम कोर्ट

आयु-छूट लेने वाले आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार सामान्य श्रेणी सीटों पर नहीं जा सकते: सुप्रीम कोर्ट 

10 Sept 2025 

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (9 सितम्बर) को कहा कि आरक्षित वर्ग के वे उम्मीदवार, जो आरक्षण श्रेणी में आयु-छूट लेकर आवेदन करते हैं, उन्हें बाद में अनारक्षित (सामान्य) श्रेणी की रिक्तियों में चयन के लिए नहीं माना जा सकता, यदि भर्ती नियम ऐसे स्थानांतरण (migration) को स्पष्ट रूप से रोकते हैं। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने यह मामला सुना, जो स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) की कॉन्स्टेबल (GD) भर्ती से जुड़ा था। इसमें आयु सीमा 18–23 वर्ष तय थी और ओबीसी उम्मीदवारों को 3 साल की छूट दी गई थी। प्रतिवादियों ने ओबीसी उम्मीदवार के रूप में आवेदन किया और इस छूट का लाभ लिया। हालांकि उन्होंने सामान्य वर्ग के अंतिम चयनित उम्मीदवार से अधिक अंक प्राप्त किए, लेकिन ओबीसी वर्ग के अंतिम चयनित उम्मीदवार से कम अंक होने के कारण चयनित नहीं हो सके। 

इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला दिया और कहा कि उन्हें मेरिट के आधार पर सामान्य वर्ग की सीटों पर विचार किया जाना चाहिए। इस फैसले के खिलाफ भारत सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का फैसला रद्द करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने जितेन्द्र कुमार सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य (2010) पर गलत तरीके से भरोसा किया। उस मामले में उत्तर प्रदेश के विशेष कानूनी प्रावधान लागू थे, जो ऐसे स्थानांतरण की अनुमति देते थे। जबकि वर्तमान मामले में कार्यालय ज्ञापन (Office Memorandum) स्पष्ट रूप से कहता है कि छूट लेने वाले उम्मीदवारों को सामान्य वर्ग की सीटों पर नहीं माना जाएगा। 

जस्टिस बागची ने कहा,"आरक्षित उम्मीदवार, जिन्होंने फीस/ऊपरी आयु सीमा में छूट लेकर सामान्य उम्मीदवारों के साथ खुले प्रतिस्पर्धा में भाग लिया है, उन्हें सामान्य वर्ग की सीटों पर नियुक्त किया जा सकता है या नहीं, यह हर मामले की परिस्थितियों पर निर्भर करता है। यदि भर्ती नियमों/नोटिफिकेशन में इस पर कोई रोक नहीं है, तो ऐसे उम्मीदवार, जिन्होंने सामान्य वर्ग के अंतिम चयनित उम्मीदवार से अधिक अंक प्राप्त किए हैं, उन्हें सामान्य वर्ग की सीट पर चयन का अधिकार होगा। लेकिन यदि भर्ती नियमों में रोक है, तो ऐसे उम्मीदवारों को सामान्य वर्ग की सीट पर चयन का लाभ नहीं दिया जा सकता।" 

 कोर्ट ने सौरव यादव बनाम उत्तर प्रदेश राज्य (2020) मामले का भी हवाला दिया और स्पष्ट किया कि उम्मीदवार केवल तभी सामान्य वर्ग की सीटों पर स्थानांतरित हो सकते हैं जब उन्होंने कोई विशेष रियायत न ली हो और भर्ती नियमों में इस पर कोई रोक न हो। चूंकि वर्तमान मामले में स्थानांतरण पर स्पष्ट रोक थी, इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का फैसला पलट दिया और प्रतिवादियों को सामान्य सीटों पर स्थानांतरण की अनुमति नहीं दी। 

इस प्रकार अपील को मंजूरी दी गई।


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