Sunday 10 October 2021

अभियुक्‍त का आचरण, अपराध की गंभीरता, सामाजिक प्रभाव आदि जमानत रद्द करने के आधार हैं: सुप्रीम कोर्ट

 अभियुक्‍त का आचरण, अपराध की गंभीरता, सामाजिक प्रभाव आदि जमानत रद्द करने के आधार हैं: सुप्रीम कोर्ट 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी आरोपी को दी गई जमानत को सुपीरियर कोर्ट ही रद्द कर सकता है, यदि अदालत ने अप्रासंगिक कारकों पर विचार किया है, या रिकॉर्ड पर उपलब्ध प्रासंगिक सामग्री की अनदेखी की है, जो जमानत देने के आदेश को कानूनी रूप से अस्थिर बनाता है। सीजेआई एनवी रमाना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हेमा कोहली की पीठ ने एक फैसले में कहा, "अपराध की गंभीरता, आरोपी का आचरण और जब जांच सीमा पर हो तो न्यायालय द्वारा अनुचित क्षमा का सामाजिक प्रभाव भी कुछ स्थितियों में से हैं, जहां एक सुपीरियर कोर्ट न्याय के गर्भपात को रोकने के लिए और आपराधिक न्याय प्रणाली के प्रशासन को मजबूत करने के लिए जमानत आदेश में हस्तक्षेप कर सकता है।" 

केस और सिटेशन: विपन कुमार धीर बनाम पंजाब राज्य एलएल 2021 एससी 537


https://hindi.livelaw.in/category/news-updates/supreme-court-weekly-round-up-a-look-at-some-special-ordersjudgments-of-the-supreme-court-183425?infinitescroll=1

No comments:

Post a Comment