Friday 11 September 2015

हिन्दी में सभी कानूनी पुस्तकों का प्रकाशन एवं उच्चतम व उच्च न्यायालयो मे हिन्दी

प्रति,
                                माननीय नरेन्द्र मोदी,
                                प्रधानमंत्री, भारत सरकार
                                नईदिल्ली, भारत

विषय:-                  हिन्दी में सभी कानूनी पुस्तकों का प्रका एवं उच्चतम उच्च  न्यायालयो मे हिन्दी मे काम उनके निर्णयों का हिन्दी मे प्रकाषन कराने हेतु।                         
                                                             ---000---
महोदय,
                                उपरोक्त विषयांतर्गत लेख है कि पहली बार भारतीय संस्कृति की रक्षा करने वाला व्यक्ति इस देश का प्रधानमंत्री बना है और हिन्दी भाषा की रक्षा किये गये बगैर भारतीय संस्कृति की रक्षा संभव नहीं है। इस देश में सर्वाधिक हिन्दी भाषा का ज्ञान रखने वाले व्यक्ति है। विशेष रूप से भारतीय नागरिकों कों हिन्दी में कानून की जानकारी सही रूप से प्राप्त नहीं होती है और भारतीय न्यायालयों द्वारा भी हिन्दी में निर्णय नहीं दिये जाकर अंग्रेजी में निर्णय पारित किये जाते हैं, जिसे पक्षकार जिसके लिए निर्णय होता है वह समझ ही नहीं पाते हैं और इसका फायदा उठाकर अंग्रेजी जानने वाले लोग पक्षकारों का शोषण करते हैं। निर्णय होने के बाद भी भाषा का ज्ञान नहीं होने से वह अपने अधिकारों को तो समझ पाते हैं और ही प्राप्त कर पाते है।
                                नागरिकों को अपनी  हिन्दी भाषा में कानून की पुस्तकें एवं न्यायालयों के निर्णयों से अवगत कराने के उदेद्श्य से  भारत सरकार   द्वारा पूर्व से विधि साहित्य प्रकाशन (विधायी विभाग) विधि न्याय और कंपनी कार्य मंत्रालय भारत सरकार भगवानदास मार्ग नईदिल्ली-110001 के माध्यम से विधि की पुस्तकों एवं उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालयों के निर्णयों के लिए पत्रिका का प्रकाशन किया जाता रहा है, जो अब दिखाबा मात्र होकर नाममात्र के लिए चल रहा है।
                                भारतीय उच्च एवं उच्चतम न्यायालय मे निर्णय अंग्रेजी मे करने की अनीवार्यता समाप्त कर हिन्दी मे भी निर्णय हों इसके अलावा यदि विधि साहित्य प्रकाशन नई दिल्ली द्वारा भारतीय नागरिकों पर लागू होने वाले सभी कानूनों की विस्तृत कामेन्ट्री वाली पुस्तकें एवं उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय की निर्णय पत्रिका  में सभी निर्णयों का प्रकाशन हिन्दी में किया जाये तो इससे बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों को अपने अधिकारों एवं कानून के संबंध में अच्छी जानकारी हो सकेगी और भारतीय संस्कृति की भी रक्षा में एक बड़ा कदम साबित होगा।
                                10 वे हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य मे उक्त अपेक्षा के साथ सादर सहित हमारा सुझाव आपकी ओर प्रेषित है।

लालाराम मीना (पूर्व न्यायाधीष)
प्रदेश अध्यक्ष
मकान नं-बी-43
अंबेडकर काॅलोनी ओल्ड सुभाषनगर
(गोविन्दपुरा रोड) भोपाल 0प्र0 462023



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