Saturday, 7 June 2014

क्या अचल सम्पति पर आधिपत्य में हस्तक्षेप के विरूद्ध पारित अंतरिम व्यादेश के उल्लंघन पर आदेश 39 नियम (2) ए. CPC के अंतर्गत संस्थित कार्यवाही में अधिपत्य वापस दिलाया जा सकता हैं?

क्या अचल सम्पति पर आधिपत्य में
हस्तक्षेप के विरूद्ध पारित अंतरिम व्यादेश
के उल्लंघन पर आदेश 39 नियम (2) ए.
सिविल प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत
संस्थित कार्यवाही में अधिपत्य वापस
दिलाया जा सकता हैं?

आदेश 39 नियम
(2) ए. सिविल प्रक्रिया
संहिता (एतस्मिन् पश्चात् मात्र ’’संहिता’’) के
अनुसार निषेधाज्ञा या संहिता के आदेश 39
नियम 1 या 2 के अंतर्गत पारित आदेश के
उल्लंघन पर या निषेधाज्ञा/ आदेश संबंधी
शर्त के भंग किए जाने पर न्यायालय द्वारा
दोषी व्यक्ति की संपत्ति कुर्क (Attachment)
करने संबंधी आदेश दिया जा सकता है
एवं यह आदेश भी दिया जा सकता है कि
उसे तीन माह से अनाधिक अवधि के लिए
सिविल कारागार में निरूद्ध रखा जाए।
’संहिता’ के आदेश 39 नियम (2) ए. में दोषी
व्यक्ति को दंडित किए जाने की व्यवस्था तो
की गई है ताकि उसे निषेधाज्ञा/ आदेश के
पालन के लिए बाध्य किया जा सके किन्तु
निषेधाज्ञा या आदेश के उल्लंघन में वादग्रस्त
संपत्ति से आधिपत्यच्युत किये गए व्यथित
व्यक्ति को पुनः आधिपत्य सौंपने संबंधी कोई
व्यवस्था इस प्रावधान में नहीं है।
ऐसी दशा में ’संहिता’ के आदेश 39 नियम
(2) ए. के अंतर्गत संस्थित कार्यवाही में
आधिपत्य वापस दिलाना विधि सममत नहीं
होगा किन्तु इसका तात्पर्य यह नहीं है कि
व्यथित पक्ष को कोई विधिक उपचार उपलब्ध
ही नहीं है। मूल प्रकरण (वाद) में न्यायालय
’संहिता’ की धारा 151 के अंतर्गत अंतर्निहित
शक्तियों का प्रयोग कर व्यथित पक्ष को पुनः
आधिपत्य दिला सकता है।
संहिता की धारा 151 के अंतर्गत उपलब्ध
शक्ति के उक्तानुसार उपयोग के संबंध में
न्यायदृष्टांत हरीनन्दन विरूद्ध एस.एम.
पंडित, ए.आई.आर. 1975 इलाहाबाद 48,
सतीशचन्द्र मैटी विरूद्ध सैला बाला
डासी, ए.आई.आर. 1978 कलकत्ता 499,
सुजीत पाल विरूद्ध प्रबीर कुमार सन,
ए.आई.आर. 1986 कलकत्ता 220, एवं
शिवदत्त पारिख,
विरूद्ध भागीरथ,ए.आई.आर. 
1990 राजस्थान 130 अवलोकनीय हैं।

3 comments:

  1. आपके ब्लाग की जानकारी उपयोगी एवं सार्थक रहती है,जिस हेतू आभार।

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  2. आपके ब्लाग की जानकारी उपयोगी एवं सार्थक रहती है,जिस हेतू आभार।

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  3. जानकारी बहुत अच्छी लगी

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