क्या धारा 354 एवं 377 भा.दं.वि. के
अन्तर्गत दण्डनीय अपराधों के विचारण में
द.प्र.सं. की धारा 327 (2) के प्रावधान लागू
होंगे ?
दं.प्र.सं. की धारा 327 (2) के अनुसार भा.दं.वि.
की धारा 376, 376-क, 376-ख, 376-ग एवं
376-घ के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध का
विचारण बंद कमरे में (Camera Trial) किया
जाना अपेक्षित हैं किन्तु उक्त प्रावधान में भा.दं.
वि. की धारा 354 एवं 377 के अंतर्गत दण्डनीय
अपराध सम्मिलित नहीं किये गये हैं जबकि उक्त
अपराध के पीडित व्यक्ति एवं साक्षियों की भी
लगभग वहीं स्थिति होती है जो बलात्संगत की
पीडित महिला की होती है।
इस संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा
न्यायदृष्टांत साक्षी विरूद्ध भारत संघ एवं
अन्य, ए.आई.आर 2004 सु.को. 3566 में यह
निर्देश दिए गए है कि दण्ड प्रक्रिया संहिता
की धारा 327 (2) के प्रावधान भा.दं.वि. की धारा
354 और 377 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराधों के
विचारण और जाँच में भी लागू होंगे। इस प्रकार
उक्त न्याय दृष्टांत में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा
दिए गए निर्देशानुसार भा.दं.वि. की धारा 354
और 377 के अपराधों में भी न्यायालय के
लिए यह आवश्यक है कि बंद कमरे में
विचारण या जाँच करें।
अन्तर्गत दण्डनीय अपराधों के विचारण में
द.प्र.सं. की धारा 327 (2) के प्रावधान लागू
होंगे ?
दं.प्र.सं. की धारा 327 (2) के अनुसार भा.दं.वि.
की धारा 376, 376-क, 376-ख, 376-ग एवं
376-घ के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध का
विचारण बंद कमरे में (Camera Trial) किया
जाना अपेक्षित हैं किन्तु उक्त प्रावधान में भा.दं.
वि. की धारा 354 एवं 377 के अंतर्गत दण्डनीय
अपराध सम्मिलित नहीं किये गये हैं जबकि उक्त
अपराध के पीडित व्यक्ति एवं साक्षियों की भी
लगभग वहीं स्थिति होती है जो बलात्संगत की
पीडित महिला की होती है।
इस संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा
न्यायदृष्टांत साक्षी विरूद्ध भारत संघ एवं
अन्य, ए.आई.आर 2004 सु.को. 3566 में यह
निर्देश दिए गए है कि दण्ड प्रक्रिया संहिता
की धारा 327 (2) के प्रावधान भा.दं.वि. की धारा
354 और 377 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराधों के
विचारण और जाँच में भी लागू होंगे। इस प्रकार
उक्त न्याय दृष्टांत में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा
दिए गए निर्देशानुसार भा.दं.वि. की धारा 354
और 377 के अपराधों में भी न्यायालय के
लिए यह आवश्यक है कि बंद कमरे में
विचारण या जाँच करें।
No comments:
Post a Comment