Wednesday, 7 May 2014

चालक अनुज्ञप्ति नहीं होना प्रमाणित करना बीमा कंपनी का दायित्व है - MACT

चालक अनुज्ञप्ति नहीं होना प्रमाणित करना बीमा कंपनी का दायित्व है -
 
        इस संबंध में अनावेदक क्रमांक 2 बीमा कंपनी की ओर से अभिवचन किया गया है कि प्रश्नगत दुर्धटना के समय चालक ;अनावेदक क्रं.1 के पास वैध एवं प्रभावी चालक अनुज्ञप्ति पत्र नहीं था। अनावेदक क्रं.2 का दायित्व संविदा आधारित दायित्व है अनावेदक क्रं. 2 ने वैध एवं प्रभावी चालक अनुज्ञप्ति पत्र चालक के पास होने बाबत संविदा की शर्तो का उल्लंघन का अभिवचन किया है अतः न्याय दृष्टान्त नरचिन्वा वी.कामथ आदि विरूद्व अलफ्रेंडो एंटीनीयों डियो मार्टिन आदि 0 आई0 आर0,1985 एस0सी0 1281 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किये गये विधिक प्रतिपादन के प्रकाश में यह प्रमाणित करने का भार अनावेदक क्रं. 3 बीमा कंपनी पर था कि बीमा संविदा की उक्त शर्तो का उल्लंघन चालक अनावेदक क्रं0 1 ने किया है ।  अनावेदक क्रं. 2 की और से उक्त अभिवचन के संबंध में कोई अभिसाक्ष्य न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं की गई है इस संबंध में न्याय दृष्टांत सुर्जन राम बनाम अचल सिंह 1998 (1) टी..सी. 372 पंजाब-हरियाणा बाबूराव बनाम वेंकटी जयवंता 1993  (1) टी..सी. 207 एवं एच.जी. रामचन्द्र राव बनाम मास्टर श्रीकांत 1997(2) .जे.आर. 293 तथा शैल कुमारी बनाम दिनेश सिंह 1995(2) टी..सी. 270, 1995(1) विधि भास्वर 118 मध्य प्रदेश भी अवलोकनीय हैं
        बीमा कंपनी (अनावेदक क्र.4) की ओर से अवलंबित न्याय दृष्टांत सरदारी आदि विरूद्ध सुषील कुमार आदि, 2008 .सी.जे.-1307 में यह अभिनिर्धारित किया गया है कि वाहन चालक के पास वैध एवं प्रभावी चालक अनुज्ञा पत्र होने के कारण बीमा कंपनी को दायित्व से मुक्त किया जाना विधि सम्मत है। इस मामले में माननीय शीर्षस्थ न्यायालय की त्रि-सदस्यीय पीठ द्वारा निर्णित नेषनल इंष्योरेंस कंपनी लिमिटेड विरूद्ध स्वर्ण सिंह, 2004 .सी.जे.-1 (एस.सी.) के साथ-साथ अन्य अनेक मामलों का संदर्भ भी दिया गया है। निर्णय की कंडिका 8 में न्यू इंडिया एष्योरेंस कंपनी लिमिटेड विरूद्ध प्रभूलाल, 2008 .सी.जे.-627 (एस.सी.) का संदर्भ है। इस मामले में दुर्घटना परिवहन यान से हुयी थी, जबकि चालक रामनारायण के पास हल्के मोटर यान के लिये अनुज्ञप्ति थी, जिस पर परिवहन यान चलाने की पात्रता का पृष्ठांकन नहीं था अतः बीमा कंपनी को उत्तरदायी नहीं माना गया।

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