यात्री
वाहन
में
क्षमता
से
अधिक
यात्री-बीमा
कंपनी
का
दायित्व
केवल
अनुज्ञेय
यात्रियों
की
संख्या
तक
सीमित-
2008(1) दु.मु.प्र. 311 (सु.को.) न्यायामूर्तिगण: माननीय ए.के. माथुर व माननीय पी.के. बालासुब्रमणयन
पक्षकार: नेशनल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड बनाम अंजना श्याम एवं अन्य {सिविल अपील संख्या 2422-2459 वर्ष 2001 के साथ सी.ए. सं. 5992-6026 वर्ष, 2002, 4288 वर्ष 2006 और 3824 वर्ष 2007 उर्फ एस.एल.पी. (सी.) सं. 14167 वर्ष 2001, निर्णीत दिनांक 20 अगस्त, 2007}
मोटर यान अधिनियम, 1988 -धारा 147(1) (ख) (पप)-मुआवजा-बीमा कम्पनी का दायित्व-अपराधग्रस्त बस जिसे 42 यात्रियों के वहन हेतु बीमित कराया गया था दुर्घटना के समय 90 यात्रियों का वहन कर रही थी-दुर्घटना के परिणामस्वरूप चालक समेत 26 यात्रियों की मृत्यु-63 यात्रियों को उपहतिया हुयीं-बीमा कम्पनी के आक्षेपों को अधिकरण द्वारा निरस्त कर दिया गया-विभिन्न दावों पर अधिनिर्णय पारित करने के पश्चात् अधिकरण ने 42 यात्रियों से अधिक के लिये भी बीमा कम्पनी को, सभी अधिनिर्णयों के भुगतान हेतु दायी निर्णीत किया-अपील पर उच्च न्यायालय ने निष्कर्षित किया कि बस में अधिक यात्रियों का वहन रूट परमिट का उल्लंघन नहीं-यह किसी भी विधि के उल्लंघन के सदृश्य नहीं जिससे योगदायी उपेक्षा राज्य सरकार पर अधिरोपित की जा सके-बीमा आच्छादन को पंजीकरण प्रमाण-पत्र में उल्लिखित यात्रियों की संख्या से अधिक हेतु प्राप्त नहीं किया जा सकता-बीमा कम्पनी का दायित्व केवल अनुज्ञेय यात्रियों की संख्या तक ही सीमित-बीमा वाहन के स्वामी तथा बीमाकर्ता के मध्यम संविदा होती है-बीमा कम्पनी को केवल विधिक रीति से अनुज्ञेय यात्रियों की संख्या के लिये दायी निर्णीत किया जा सकता है-अतः बीमा कम्पनी के 42 अधिनिर्णयों के लिये मुआवजे के भुगतान हेतु दायी। (पैरा 10 से 16)
2008(1) दु.मु.प्र. 311 (सु.को.) न्यायामूर्तिगण: माननीय ए.के. माथुर व माननीय पी.के. बालासुब्रमणयन
पक्षकार: नेशनल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड बनाम अंजना श्याम एवं अन्य {सिविल अपील संख्या 2422-2459 वर्ष 2001 के साथ सी.ए. सं. 5992-6026 वर्ष, 2002, 4288 वर्ष 2006 और 3824 वर्ष 2007 उर्फ एस.एल.पी. (सी.) सं. 14167 वर्ष 2001, निर्णीत दिनांक 20 अगस्त, 2007}
मोटर यान अधिनियम, 1988 -धारा 147(1) (ख) (पप)-मुआवजा-बीमा कम्पनी का दायित्व-अपराधग्रस्त बस जिसे 42 यात्रियों के वहन हेतु बीमित कराया गया था दुर्घटना के समय 90 यात्रियों का वहन कर रही थी-दुर्घटना के परिणामस्वरूप चालक समेत 26 यात्रियों की मृत्यु-63 यात्रियों को उपहतिया हुयीं-बीमा कम्पनी के आक्षेपों को अधिकरण द्वारा निरस्त कर दिया गया-विभिन्न दावों पर अधिनिर्णय पारित करने के पश्चात् अधिकरण ने 42 यात्रियों से अधिक के लिये भी बीमा कम्पनी को, सभी अधिनिर्णयों के भुगतान हेतु दायी निर्णीत किया-अपील पर उच्च न्यायालय ने निष्कर्षित किया कि बस में अधिक यात्रियों का वहन रूट परमिट का उल्लंघन नहीं-यह किसी भी विधि के उल्लंघन के सदृश्य नहीं जिससे योगदायी उपेक्षा राज्य सरकार पर अधिरोपित की जा सके-बीमा आच्छादन को पंजीकरण प्रमाण-पत्र में उल्लिखित यात्रियों की संख्या से अधिक हेतु प्राप्त नहीं किया जा सकता-बीमा कम्पनी का दायित्व केवल अनुज्ञेय यात्रियों की संख्या तक ही सीमित-बीमा वाहन के स्वामी तथा बीमाकर्ता के मध्यम संविदा होती है-बीमा कम्पनी को केवल विधिक रीति से अनुज्ञेय यात्रियों की संख्या के लिये दायी निर्णीत किया जा सकता है-अतः बीमा कम्पनी के 42 अधिनिर्णयों के लिये मुआवजे के भुगतान हेतु दायी। (पैरा 10 से 16)
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