टैक्सी
चालक
के
लिए
मात्र
हल्का
मोटरयान
अनुज्ञप्ति
पर्याप्त
नहीं-
अनावेदक क्र.4 (बीमा कंपनी) की ओर से ए.डी.खान का परीक्षण कराया गया है, जिसने प्र.डी-3 व प्र.डी-4 के प्रलेख प्रमाणित किये हैं। प्र.डी-3 अनावेदक क्र.1 के पक्ष में जारी चालक अनुज्ञापत्र का संक्षिप्त विवरण है, जिससे विदित होता है कि यह प्रलेख दिनाक 24.1.2001 से दिनाक 04.02.2020 तक की अवधि के लिये हल्के मोटर यान को चलाने के लिये जारी किया गया है। प्र.डी-4, जो दुर्घटना में संलिप्त कार की बीमा पालिसी की फोटो प्रति है तथा प्र.डी-5 कार से संबंधित परमिट की फोटोप्रति है, के अवलोकन से यह भी प्रकट है कि उक्त कार परिवहन यान (टैक्सी) के रूप में पंजीकृत थी। ऐसी स्थिति में उक्त वाहन को चलाने के लिये सामान्य हल्का मोटर यान को चलाने का अनुज्ञापत्र पर्याप्त नहीं है, अपितु इसके लिये विषिष्ट पृष्ठांकन किया जाना आवष्यक है। इस विधिक स्थिति को न्याय दृष्टांत ओरियेंटल इंष्योरेंस कंपनी विरूद्ध अंगद कोल, 2009(2) दुर्घटना मुआवजा प्रकरण-292 (एस.सी.) में स्पष्ट रूप से विधिक प्रावधानों के प्रकाष में प्रतिपादित किया गया है।
अनावेदक क्र.4 (बीमा कंपनी) की ओर से ए.डी.खान का परीक्षण कराया गया है, जिसने प्र.डी-3 व प्र.डी-4 के प्रलेख प्रमाणित किये हैं। प्र.डी-3 अनावेदक क्र.1 के पक्ष में जारी चालक अनुज्ञापत्र का संक्षिप्त विवरण है, जिससे विदित होता है कि यह प्रलेख दिनाक 24.1.2001 से दिनाक 04.02.2020 तक की अवधि के लिये हल्के मोटर यान को चलाने के लिये जारी किया गया है। प्र.डी-4, जो दुर्घटना में संलिप्त कार की बीमा पालिसी की फोटो प्रति है तथा प्र.डी-5 कार से संबंधित परमिट की फोटोप्रति है, के अवलोकन से यह भी प्रकट है कि उक्त कार परिवहन यान (टैक्सी) के रूप में पंजीकृत थी। ऐसी स्थिति में उक्त वाहन को चलाने के लिये सामान्य हल्का मोटर यान को चलाने का अनुज्ञापत्र पर्याप्त नहीं है, अपितु इसके लिये विषिष्ट पृष्ठांकन किया जाना आवष्यक है। इस विधिक स्थिति को न्याय दृष्टांत ओरियेंटल इंष्योरेंस कंपनी विरूद्ध अंगद कोल, 2009(2) दुर्घटना मुआवजा प्रकरण-292 (एस.सी.) में स्पष्ट रूप से विधिक प्रावधानों के प्रकाष में प्रतिपादित किया गया है।
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