न्यायिक कार्रवाई के लिए हाईकोर्ट न्यायिक अधिकारी से स्पष्टीकरण नहीं मांग सकता : सुप्रीम कोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा जिला एवं सेशन जज के विरुद्ध की गई प्रतिकूल टिप्पणियों को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट किसी मामले में लिए गए निर्णय के लिए न्यायिक अधिकारी से स्पष्टीकरण नहीं मांग सकता। हाईकोर्ट ने कहा कि स्पष्टीकरण केवल प्रशासनिक पक्ष से ही मांगा जा सकता है। जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ न्यायिक अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा उसके विरुद्ध की गई कुछ प्रतिकूल टिप्पणियों से व्यथित था। हाईकोर्ट ने पाया कि न्यायिक अधिकारी ने जमानत आवेदन खारिज करते समय हाईकोर्ट के पिछले निर्णय के अनुसार अभियुक्त के आपराधिक इतिहास का विवरण शामिल नहीं किया। हाईकोर्ट ने पाया कि यह "अनुशासनहीनता" के बराबर है और "अवमानना के बराबर भी हो सकता है" और उससे स्पष्टीकरण मांगा।
केस टाइटल: अय्यूब खान बनाम राजस्थान राज्य
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