न्याय दृष्टांत आर. विजयन बनाम बेवी 2012(1) एस.सी.सी. 260 में माननीय न्यायालय द्वारा यह अभीनिर्धारित किया गया है कि परक्राम्य लिखत अधिनियम की *धारा 138 के मामलों में दोष सिद्धि की दशा में चेक की राशि और उस पर 9% वार्षिक की दर से ब्याज* को ध्यान में रखा जाना चाहिए और परिवादी को नुकसान की युक्ति युक्त पूर्ति किस राशि से होगी यह उक्त तथ्यों के प्रकाश में निकाला जा सकता है।
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