Thursday, 8 August 2019

सोसायटी पर धारा 33 की कार्यवाही- वित्तीय हित अस्तित्व में नहीं रहा है तो वह सोसायटी राज सहायता प्राप्त सोसायटी नहीं है और उसे अधिक्रांत करने की कार्रवाई नहीं की जा सकती है।

सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 धारा 3 (च) और 33 - राज्य सहायता प्राप्त सोसायटी- उसका अर्थ - सोसायटी को अधिनियम की धारा 33 के अंतर्गत अधिक्रांत करने के प्रयोजन के लिए निर्णायक कसौटी यह है कि क्या सोसायटी को सहायता अनुदान या ऋण देने वाले केंद्रीय शासन, राज्य या कानूनी निकाय का सोसायटी में वित्तीय हित निहित है। यदि वह निहित है तो वह राज्य सहायता प्राप्त सोसायटी है और उसके विरुद्ध अधिक्रांत करने की कार्रवाई की जा सकती है परंतु यदि वित्तीय हित में अस्तित्व में नहीं रहा है तो वह सोसायटी राज सहायता प्राप्त सोसायटी नहीं है और उसे अधिक्रांत करने की कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
 मध्यप्रदेश राज्य विरुद्ध चंद्रशेखर आजाद शिक्षा प्रसार समिति भिंड,  एआईआर 2008 मध्य प्रदेश 128 फुल निर्णय देखने के लिए निम्न लिंक देखें
https://drive.google.com/file/d/1PqxfHj90pwUYF7gFIBfdX6F5mQndqtyn/view?usp=drivesdk

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