Sunday 13 October 2024

Juvenile Justice Act | दोषसिद्धि और सजा के अंतिम होने के बाद भी किशोर होने की दलील दी जा सकती है: सुप्रीम कोर्ट

 Juvenile Justice Act | दोषसिद्धि और सजा के अंतिम होने के बाद भी किशोर होने की दलील दी जा सकती है: सुप्रीम कोर्ट

 सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति के खिलाफ दोषसिद्धि और सजा के फैसले और आदेश के अंतिम होने के बाद भी किशोर होने की दलील दी जा सकती है। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की बेंच ने ऐसा कहते हुए हत्या के मामले में आरोपी को बरी किया, जिसने अपने खिलाफ दोषसिद्धि और सजा के आदेश के बाद किशोर होने की दलील दी थी।


कोर्ट ने कहा, “हालांकि (किशोर होने के लिए) आवेदन इस न्यायालय द्वारा दिए गए दोषसिद्धि के आदेश के बाद दायर किया गया, हम इस न्यायालय के ऊपर दिए गए फैसले और आपराधिक अपील संख्या 64/2012 में दिनांक 17.01.2004 के फैसले को ध्यान में रखते हैं, जिसका शीर्षक प्रमिला बनाम छत्तीसगढ़ राज्य है, कि किसी व्यक्ति के खिलाफ दोषसिद्धि और सजा के फैसले और आदेश के अंतिम होने के बाद भी किशोर होने का दावा करने के लिए आवेदन किया जा सकता है।” 

केस टाइटल: मध्य प्रदेश राज्य बनाम रामजी लाल शर्मा और अन्य

https://hindi.livelaw.in/round-ups/supreme-court-weekly-round-up-a-look-at-some-important-ordersjudgments-of-the-supreme-court-272274

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