उपासक बिना किसी व्यक्तिगत हित के सरकारी भूमि पर मंदिर के विध्वंस को रोकने के लिए निषेधाज्ञा का दावा नहीं कर सकते: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि मंदिर के उपासक, जिसका मंदिर की संपत्ति पर कोई व्यक्तिगत हित नहीं है, उसको दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की भूमि पर अवैध रूप से निर्मित मंदिर के विध्वंस को रोकने के लिए राहत नहीं दी जा सकती। जस्टिस तारा वितस्ता गंजू की एकल पीठ ट्रायल कोर्ट के आदेश को अपीलकर्ता की चुनौती पर विचार कर रही थी, जिसने DDA के खिलाफ स्थायी और अनिवार्य निषेधाज्ञा के साथ-साथ हर्जाने के लिए उनका मुकदमा खारिज कर दिया। अपीलकर्ता ने दावा किया कि वह स्थानीय निवासी है और पार्क में स्थित शिव मंदिर का उपासक है।
केस टाइटल: अवनीश कुमार बनाम दिल्ली विकास प्राधिकरण और अन्य। (आरएफए 403/2023 और सीएम आवेदन 37124/2024)
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