वैकल्पिक उपचार उपलब्ध होने के बावजूद हाईकोर्ट के रिट क्षेत्राधिकार के प्रयोग पर पूरा प्रतिबंध नहीं : सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वैकल्पिक उपचार का नियम विवेक का नियम है, क्षेत्राधिकार का नहीं। शीर्ष अदालत ने कहा कि वैकल्पिक उपचार उपलब्ध होने के बावजूद हाईकोर्ट के रिट क्षेत्राधिकार के प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता। न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही। इस मामले में मुद्दा यह उठा था कि सशस्त्र बल अधिकरण अधिनियम, 2007 को देखते हुए सशस्त्र बल के एक कर्मी के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट में लंबित मामले को सशस्त्र बल अधिकरण (एएफटी) को भेजा जाए या हाईकोर्ट उसकी सुनवाई करे। हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने कहा कि अगर इस तरह का कोई मुक़दमा हाईकोर्ट में इस अधिकरण के गठन से पहले लंबित था, ऐसे मामलों को अधिकरण को नहीं भेजा जाएगा। दलील यह दी गई थी कि एएफटी अधिनियम के तहत आने वाले मामलों के संदर्भ में हाईकोर्ट का स्थान लेगा, लेकिन पीठ इससे सहमत नहीं थी।
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