सुप्रीम कोर्ट ने कहा, पार्टनरशिप फर्जी न हो तो किराये की संपत्ति पर की गई साझेदारी 'किराये की संपत्ति को किराये पर देने' जैसा नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर पार्टनरशिप असली है तो किरायेदार द्वारा अपने पार्टनर को व्यवसाय या पेशे में शामिल करना किसी किराये की संपत्ति को दोबारा किराये पर देने जैसा नहीं है। ए महालक्ष्मी बनाम बाला वेंकटरम (डी) में के मामले में हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ, जिसमें बेदखली के आदेश को रद्द कर दिया गया था, अपील की अनुमति देते हुए जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा कि यदि इस तरह की साझेदारी का नकली उद्देश्य व्यवसाय या पेशा चलाना जबकि असली उद्देश्य किसी किराये के परिसर को ऐसे व्यक्ति को दोबारा किराये पर देना है, जिसे व्यवसाय में पार्टनर के रूप में दिखाया जा रहा है तो ये ऐसी गतिविधि को किराये की संपत्ति को दोबरा किराये पर देने के बराबर है।
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