केवल इसलिए कि मृतक 100% जलने से घायल था, यह नहीं कहा जा सकता कि वह मरने से पहले बयान देने में असमर्थ था : सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केवल इसलिए कि मृतक 100% जलने के कारण घायल था, यह नहीं कहा जा सकता है कि वह मरने से पहले बयान देने में असमर्थ था/थी, जिसे उसका मरने से पहले दिया गया बयान (dying declaration) माना जा सकता था। इस मामले में ध्यान देने वाली बात यह थी कि पीड़ित 100% जल चुका था और वह पहले से ही गंभीर स्थिति में था और इससे आगे भी उसकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। यह तर्क दिया गया कि ऐसी गंभीर और बिगड़ती हालत में वह उचित, सुसंगत और समझदारी भरा बयान नहीं दे सकता था। इस मामले के अभियुक्तों को शेर सिंह की मौत का दोषी ठहराया गया और जिन्होंने उसे आग में डाल दिया था।
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