सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया, एनआई एक्ट की धारा 148 में पूर्वप्रभावी, जबकि 143A भावी प्रभाव की है सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया है कि निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 148 पूर्वप्रभावी है, जबकि धारा 143 ए नहीं है। इस मामले में, अभियुक्त को एनआई एक्ट की धारा 138 के तहत अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था। अपीलीय कोर्ट ने उन्हें ट्रायल कोर्ट की ओर से लगाए गए मुआवजे/ जुर्माने की 25 फीसदी राशि जमा करने को कहा। फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है, जिसमें सवाल उठा है कि धारा 148 पूर्वप्रभावी है या नहीं। मई 2019 में, सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने कहा था कि निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 148 में संशोधन किया गया है, जो एनआई एक्ट की धारा 138 के तहत सजा और दोष के आदेश के खिलाफ अपील के संबंध में लागू होगा।
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