Thursday, 5 December 2019

उपशमन- मृत व्यक्ति के विधिक प्रतिनिधियों में से एक पहले से ही अभिलेख पर था यह नहीं कहा जा सकता कि बाद उपशमित हो गया था

सिविल पद्धति - उपशमन - अभिनिर्धारित - जब मृत व्यक्ति के विधिक प्रतिनिधियों को अभिलेख पर नहीं लाया जाता है तब मृत व्यक्ति के विरुद्ध पारित की गई डिग्री अकृत है परंतु वर्तमान प्रकरण में तथ्य भेद करने योग्य हैं- प्रतिवादी क्रमांक 2 की वाद के लंबित रहने के दौरान मृत्यु हो गई परंतु अन्य प्रतिवादी गण जो कि मृतक के सगे भाई और मां है उन्होंने उसकी मृत्यु के बारे में न्यायालय को सूचित नहीं किया मृत व्यक्ति के विधिक प्रतिनिधियों में से एक पहले से ही अभिलेख पर था यह नहीं कहा जा सकता कि बाद उपशमित हो गया था या मृत व्यक्ति के विरुद्ध डिक्री पारित की गई है - जब मृतक की संपदा का सारभूत रूप से प्रतिनिधित्व विधिक प्रतिनिधियों में से एक द्वारा किया जाता है, उपशमन हो जाने के कारण वाद खारिज नहीं किया जा सकता।
 भीकम सिंह विरुद्ध रणवीर सिंह आईएनआर 577 मध्य प्रदेश 2019

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