जहां महिला रहती है, उसी स्थान पर कर सकती है आईपीसी की धारा 498ए के तहत शिकायत, सुप्रीम कोर्ट ने दी इजाज़त Rupali Devi V. State of Uttar Pradesh "प्रीति कुमारी बनाम बिहार राज्य" मामले में न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की खंडपीठ ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर अपील को स्वीकार कर लिया है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि उस स्थान पर कार्रवाई की कोई वजह या कारण नहीं है, जहां पर वह रहती है। पीठ ने कहा कि यह मामला 'रुपाली देवी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य' मामले में दिए गए निर्णय द्वारा कवर होता है। 'रूपाली देवी' मामले में तीन न्यायाधीशों की पीठ ने माना था कि पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा की गई क्रूरता के कृत्यों के कारण जब पत्नी अपने पति का घर छोड़ देती है या उसे घर से निकाल दिया जाता है तो ऐसी स्थिति में यह मामले की तथ्यात्मक स्थिति पर निर्भर करता है कि महिला जहां पर भी शरण लेती है, वह उस स्थान पर भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए के तहत अपराधों का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कर सकती है।
http://hindi.livelaw.in/category/top-stories/important-sc-judgments-on-criminal-law-in-year-2019-151098#.XgcK0k9hYYs.whatsapp
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यह बात बिल्कुल सही है कि महिला जा रह रहती है वहां 498 ए का मामला दर्ज करवा सकती है। रूपाली देवी के प्रकरण के बाद, लेकिन महिला की f.i.r. में यदि 376 354 511 406 आईपीसी की धाराएं सहित 498a हो तो क्या पुलिस उसे उस स्थान पर भेज सकती है जहां अपराध का रेप किया गया है वहां 179 सीआरपीसी की कंप्लायंस तो करनी होगी , 498 ए को छोड़कर इसके बारे में आपका क्या विचार है
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