*30 वर्ष पुराना विक्रय विलेख उदाहरण कब*
साक्ष्य अधिनियम की धारा 90- उपधारणा- दस्तावेज की विधि मानता -अभिनिर्धारित- मूल विक्रय विलेख न्यायालय के समक्ष कभी भी प्रस्तुत नहीं किया गया- न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत विक्रय विलेख यद्यपि 30 वर्ष पुराना है, वास्तविक रूप से एक प्रमाणित प्रति है - यहां तक कि मूल प्रतिवादी/ क्रेता ने ना तो राजस्व अभिलेखो में उसके नाम को नामांतरित किया, न ही न्यायालय के समक्ष उसका परीक्षण किया गया था, अतः विधिमान्य विक्रय विलेख नहीं कहा जा सकता- साक्ष्य अधिनियम 1872 की धारा 90 के अंतर्गत प्रगणित शर्तों की संतुष्टि नहीं की गई, अतः उक्त दस्तावेज की विधि मान्यता की उपधारणा उपलब्ध नहीं -अपील खारिज।
धीरज जग्गी बिरुद्ध श्रीमती चुनती वाई आई एल आर 2019 मध्य प्रदेश 164
साक्ष्य अधिनियम की धारा 90- उपधारणा- दस्तावेज की विधि मानता -अभिनिर्धारित- मूल विक्रय विलेख न्यायालय के समक्ष कभी भी प्रस्तुत नहीं किया गया- न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत विक्रय विलेख यद्यपि 30 वर्ष पुराना है, वास्तविक रूप से एक प्रमाणित प्रति है - यहां तक कि मूल प्रतिवादी/ क्रेता ने ना तो राजस्व अभिलेखो में उसके नाम को नामांतरित किया, न ही न्यायालय के समक्ष उसका परीक्षण किया गया था, अतः विधिमान्य विक्रय विलेख नहीं कहा जा सकता- साक्ष्य अधिनियम 1872 की धारा 90 के अंतर्गत प्रगणित शर्तों की संतुष्टि नहीं की गई, अतः उक्त दस्तावेज की विधि मान्यता की उपधारणा उपलब्ध नहीं -अपील खारिज।
धीरज जग्गी बिरुद्ध श्रीमती चुनती वाई आई एल आर 2019 मध्य प्रदेश 164
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