Thursday 5 December 2019

सिविल वाद कब्जे के अनुतोष का दावा न करने के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता, धारा 100 सीपीसी के प्रयोग के समय समवर्ती निष्कर्षों मैं हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए

सिविल वाद कब्जे के अनुतोष का दावा न करने के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता, धारा 100 सीपीसी के प्रयोग के समय समवर्ती निष्कर्षों मैं हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए

सीपीसी धारा 100 -विधि के सारवान प्रश्न- तथ्य के निष्कर्ष - कब्जा - अभिनिर्धारित- कब्जे के संबंध में निष्कर्ष तथ्य के निष्कर्ष हैं- यह एक समवर्ती निष्कर्ष है कि प्रत्यर्थी क्र. 1/वादी  विवादित भूमि के कब्जे में है - सिविल वाद कब्जे के अनुतोष का दावा न करने के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता- सर्वोच्च न्यायालय ने निष्कासित किया है कि यद्यपि तथ्य के निष्कर्ष, तथ्य के त्रुटिपूर्ण निष्कर्ष हो सकते हैं, तब भी यह विधि के सारवान प्रश्न को जन्म नहीं देंगे - विधि के सारवान प्रश्नों का अर्थ विधि का प्रश्न नहीं है, यह सारवान स्वरूप के होना चाहिए - उच्च न्यायालय को सीपीसी की धारा 100 के अंतर्गत शक्तियों का प्रयोग करते समय तथ्य के समवर्ती निष्कर्षों के साथ हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। अपील खारिज ।
भीकम सिंह विरुद्ध रणवीर सिंह आईएलआर 2019 मध्यपदेश 577

No comments:

Post a Comment