किराएदार को मकान मालिक की मर्जी पर निर्भर रहना चाहिए, उसे संपत्ति तभी छोड़नी चाहिए जब मालिक को उसकी निजी इस्तेमाल के लिए जरूरत हो: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि किराएदार आमतौर पर मकान मालिक की मर्जी पर निर्भर रहता है और अगर मकान मालिक चाहे तो उसे संपत्ति छोड़नी होगी। कोर्ट ने कहा कि किराएदार के खिलाफ फैसला सुनाने से पहले कोर्ट को यह देखना चाहिए कि क्या मकान मालिक की जरूरत वास्तविक है। जस्टिस अजीत कुमार ने कहा, "किराएदार को इस मायने में मकान मालिक की मर्जी पर निर्भर रहना चाहिए कि जब भी मकान मालिक को अपनी निजी इस्तेमाल के लिए संपत्ति की जरूरत होगी तो उसे उसे छोड़ना होगा। कोर्ट को बस यह देखना है कि जरूरत वास्तविक है या नहीं।"
केस टाइटल: जुल्फिकार अहमद और 7 अन्य बनाम जहांगीर आलम [अनुच्छेद 227 के तहत मामले संख्या - 6479 वर्ष 2021]
https://hindi.livelaw.in/round-ups/high-court-weekly-round-up-a-look-at-some-important-ordersjudgments-of-the-past-week-281354
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