धारा 413 BNSS के प्रावधान के तहत विश्लेषण के आधार पर न्यायालय द्वारा निम्नलिखित टिप्पणियां की गईं:
"कानून अच्छी तरह से स्थापित है कि कोई भी व्यक्ति आपराधिक कार्यवाही शुरू कर सकता है, अगर उसे किसी संज्ञेय अपराध के होने का ज्ञान है तो ऐसा कदम पुलिस में एफआईआर दर्ज करके या मजिस्ट्रेट के समक्ष शिकायत याचिका दायर करके उठाया जा सकता है। यदि ऐसा शिकायतकर्ता ऊपर परिभाषित अनुसार पीड़ित नहीं है तो उसे बरी किए जाने के खिलाफ अपील करने के लिए हाईकोर्ट के समक्ष अनुमति आवेदन प्रस्तुत करना होगा। हालांकि, अगर शिकायतकर्ता अपराध का पीड़ित है तो उसे धारा 413 BNSS के प्रावधान के तहत बरी किए जाने, कमतर अपराध के लिए दोषसिद्धि या अपर्याप्त मुआवजा लगाए जाने के खिलाफ अपील करने का अधिकार होगा।"
तदनुसार, न्यायालय ने आवेदन खारिज किया तथा आवेदक को संबंधित जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष नियमित अपील दायर करने का निर्देश दिया।
केस टाइटल: विक्रम मनशानी बनाम प्रवीण शर्मा/
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