पहली SLP बिना किसी कारण के खारिज कर दी गई या वापस ले ली गई हो तो दूसरी SLP दायर नहीं की जा सकती: सुप्रीम कोर्ट
एस नरहरि केस में खंडपीठ ने खोडे डिस्टिलरीज लिमिटेड और अन्य बनाम श्री महादेश्वरा सहकारी सक्कारे कारखाने लिमिटेड के फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया कि बिना किसी बोलने वाले आदेश द्वारा बर्खास्तगी विलय के सिद्धांत को लागू नहीं करती। खंडपीठ ने कहा कि इसका मतलब यह है कि बर्खास्तगी संविधान के अनुच्छेद 141 के तहत कानून नहीं बनाती, न ही यह न्यायिक प्रक्रिया के रूप में कार्य करती है। परिणामस्वरूप, यदि एसएलपी को बिना किसी कारण के वापस ले लिया जाता है तो भी नई एसएलपी दायर करने का विकल्प बना रहता है। हालांकि, बेंच ने इस मामले को सुलझाने के लिए बड़ी बेंच को संदर्भित किया, यह देखते हुए कि इस तरह के दृष्टिकोण से मुकदमेबाजी की बाढ़ आ सकती है।
केस टाइटल: एनएफ रेलवे वेंडिंग एंड कैटरिंग कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन लुमडिंग डिवीजन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य।
https://hindi.livelaw.in/supreme-court/supreme-court-reiterates-prima-facie-view-that-second-slp-cannot-be-filed-if-first-slp-was-dismissed-without-any-reasons-or-was-withdrawn-266901
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