राज्य बार काउंसिल द्वारा अत्यधिक एनरॉलमेंट फी लेना पेशे, सम्मान और समानता के अधिकार का उल्लंघन: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि राज्य बार काउंसिल (एसबीसी) द्वारा अत्यधिक नामांकन शुल्क लेना एक महत्वाकांक्षी वकील के पेशे और सम्मान को चुनने के अधिकार का उल्लंघन है। वंचित वर्गों के वकीलों को भारी नामांकन शुल्क का भुगतान करने के लिए मजबूर करना समानता के सिद्धांतों पर प्रहार है।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि सामान्य श्रेणी के वकीलों के लिए नामांकन शुल्क 750 रुपये और एससी/एसटी श्रेणियों के वकीलों के लिए 125 रुपये से अधिक नहीं हो सकता।
मामले : गौरव कुमार बनाम भारत संघ डब्ल्यूपी (सी) संख्या 352/2023 और इससे जुड़े मामले।
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