सीपीसी का आदेश VII नियम 11: वादपत्र को खारिज करना होगा अगर इसमें मांगी गयी राहत कानून के तहत नहीं दी जा सकती: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एक अदालत को एक वादपत्र खारिज करना होगा यदि उसे लगता है कि इसमें मांगी गई कोई भी राहत कानून के तहत वादी को नहीं दी जा सकती है। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ ने कहा कि ऐसे मामले में, दिखावटी मुकदमेबाजी को समाप्त करना आवश्यक होगा ताकि आगे न्यायिक समय बर्बाद न हो। कोर्ट ने कहा कि सीपीसी के आदेश VII नियम 11 का अंतर्निहित उद्देश्य यह है कि जब कोई वादी कार्रवाई के कारण का खुलासा नहीं करता है, तो अदालत वादी को अनावश्यक रूप से मुकदमे को लंबा खींचने की अनुमति नहीं देगी। केस का नाम: राजेंद्र बाजोरिया बनाम हेमंत कुमार जालान
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