अवार्ड के निष्पादन पर बिना शर्त स्टे सिर्फ दुर्लभ और विशेष परिस्थितियों में संभव: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में 4 करोड़ रुपये के एक मध्यस्थ अवार्ड पर बिना शर्त रोक (unconditional stay) लगाने से इनकार करते हुए कहा कि जब तक यह न दिखाया जाए कि अवार्ड धोखाधड़ी या भ्रष्टाचार से प्रभावित है, तब तक सुरक्षा राशि जमा करने की शर्त उचित है। जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस के.वी. विस्वनाथन की खंडपीठ ने अपने ताज़ा निर्णय Lifestyle Equities C.V. बनाम Amazon Technologies Inc. का हवाला देते हुए दोहराया कि किसी अवार्ड पर बिना शर्त स्थगन केवल तभी दिया जा सकता है, जब डिक्री अत्यंत विकृत हो, स्पष्ट अवैधानिकताओं से भरी हो, पहली नज़र में अस्थिर हो या अन्य अपवादात्मक कारण मौजूद हों। यह मामला M/s Popular Caterers की उस अपील से जुड़ा था, जिसमें बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा 28 नवंबर 2022 के 4 करोड़ रुपये के अवार्ड पर बिना शर्त रोक लगाने के आदेश को चुनौती दी गई थी।
विवाद 2017 में Popular Caterers और Maple Leaf Enterprises LLP के बीच हुए एक कैटरिंग समझौते से उत्पन्न हुआ था, जिसमें कैटरर ने 4 करोड़ रुपये जमा किए थे, लेकिन कुछ दिनों बाद प्रशासनिक प्रतिबंधों के कारण व्यवस्था विफल हो गई और मध्यस्थ ने जमा राशि वापस करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट द्वारा अवार्ड पर बिना शर्त स्थगन देने के बाद Popular Caterers सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि मामले में न तो धोखाधड़ी का आरोप है और न ही इतना गंभीर अवैधानिक तत्व है कि बिना शर्त स्टे दिया जाए। कोर्ट ने कहा कि मामला न तो “egregiously perverse” है और न ही “facially untenable”, इसलिए हाईकोर्ट का आदेश गलत था। अंततः सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का आदेश रद्द करते हुए अपील को स्वीकार कर लिया।
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