सेवा में,
मुख्य कार्यपालन अधिकारी
कौशल विकास एवं रोजगार विभाग
गोबिंदपुरा, भोपाल (मध्य प्रदेश)
विषय: दिनांक 01 जुलाई 2025 को देय वार्षिक वेतनवृद्धि जोड़कर पेंशन व संबंधित लाभ प्रदान करने हेतु आवेदन।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं अजीत सिंह मीणा, पिता श्री लालाराम मीणा, पदस्थ — कौशल विकास एवं रोजगार विभाग, भोपाल (मध्य प्रदेश), दिनांक 30 जून 2025 को अधिवार्षिकी आयु पूर्ण होने पर विधिवत सेवानिवृत्त हुआ हूँ।
मैंने 30 जून 2025 तक पूरे एक वर्ष की सेवा उत्तम आचरण एवं दक्षता के साथ पूर्ण की है। अतः मेरे लिए 01 जुलाई 2025 को देय वार्षिक वेतनवृद्धि (Annual Increment) का अधिकार सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निम्न निर्णयों में स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया है—
1. Director (ADMN) & HR KPTCL v. C.P. Mundinamani (2023 SCC OnLine SC 401)
2. Union of India v. M. Siddaraj (Decision dated 20.02.2025)
3. मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग का परिपत्र दिनांक 15.03.2024
माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश द्वारा पारित आदेशों में भी स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि 30 जून को सेवानिवृत्त कर्मचारी 1 जुलाई को देय इन्क्रीमेंट के अधिकारी हैं और पेंशन व सभी परिणामी लाभ उसी के अनुसार संशोधित किए जाएँ।
अतः निवेदन है कि—
मेरा 01 जुलाई 2025 का वार्षिक वेतनवृद्धि (Annual Increment) पेंशन निर्धारण (PPO) में सम्मिलित कर, संशोधित पेंशन, बकाया राशि तथा अन्य सभी वित्तीय लाभ यथाशीघ्र प्रदान करने की कृपा करें।
यदि आवश्यक हो तो मैं सभी दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए तत्पर हूँ।
आपकी अत्यंत कृपा होगी।
दिनांक: [तारीख]
स्थान: भोपाल
भवदीय,
(अजीत सिंह मीणा)
पिता— श्री लालाराम मीणा
पूर्व कर्मचारी, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग
मो. [मोबाइल नंबर]
पेंशन खाता क्रमांक (यदि उपलब्ध हो): [ ]
ममममममममममममममममममम
WP-43854-2025
IN THE HIGH COURT OF MADHYA PRADESH
AT JABALPUR
BEFORE
HON'BLE SHRI JUSTICE SANJEEV SACHDEVA,
CHIEF JUSTICE
&
HON'BLE SHRI JUSTICE VINAY SARAF
ON THE 24
th OF NOVEMBER, 2025
WRIT PETITION No. 23801 of 2025
PYARELAL VISHWAKARMA
Versus
THE STATE OF MADHYA PRADESH AND OTHERS
इन सभी रिट याचिकाओं में तथ्य और कानून का एक समान प्रश्न उत्पन्न होता है, अतः इन्हें एक साथ (analogously) सुना गया और इस सामान्य आदेश द्वारा निस्तारित किया जा रहा है।
2. इन सभी याचिकाओं में याचिकाकर्ताओं की समान शिकायत यह है कि सेवा अवधि के एक वर्ष पूर्ण होने पर जो वार्षिक वेतनवृद्धि (Annual Increment) देय हो गई थी, उन्हें सुपरऐन्युएशन (सेवानिवृत्ति आयु) प्राप्त करने से ठीक पहले उस लाभ से वंचित रखा गया। कुछ मामलों में याचिकाकर्ता अथवा उनके विधवा/कानूनी वारिसों के कर्मचारी 30 जून को सेवानिवृत्त हुए हैं, जबकि कुछ अन्य 31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त हुए। उनका कहना है कि 1 जुलाई या 1 जनवरी को देय वार्षिक वेतनवृद्धि उन्हें नहीं दी गई, जबकि वे इसके अधिकारी थे। इसीलिए ये याचिकाएँ दायर की गई हैं।
3. याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने Director (ADMN) and HR KPTCL v. C.P. Mundinamani, 2023 SCC OnLine SC 401 के निर्णय पर भरोसा किया है, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि:- वार्षिक वेतनवृद्धि पाने का अधिकार उस समय सुनिश्चित (crystallise) हो जाता है जब सरकारी सेवक आवश्यक अवधि की सेवा अच्छे आचरण के साथ पूर्ण कर लेता है, और यह वेतनवृद्धि अगले दिन देय हो जाती है। सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि सेवानिवृत्ति की तिथि से ठीक पहले के समूचे वर्ष की अच्छी सेवा के लिए अर्जित वार्षिक वेतनवृद्धि देय है।
4. मध्यप्रदेश शासन के वित्त विभाग का दिनांक 15.03.2024 का परिपत्र भी उल्लेखनीय है, जिसमें सभी विभागों को निर्देशित किया गया है कि वे 30 जून/31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 1 जुलाई/1 जनवरी को देय वेतनवृद्धि प्रदान करें। अतः प्रार्थना है कि उत्तरदाताओं को निर्देशित किया जाए कि वेतनवृद्धि जोड़कर पेंशनरी लाभ, बकाया राशि तथा ब्याज समयबद्ध रूप से दिया जाए।
5. राज्य सरकार के अधिवक्ता का कहना है कि यह मुद्दा उक्त परिपत्र द्वारा कवर्ड है और इसे लागू किया जा रहा है तथा सभी मामलों की जाँच-पड़ताल जारी है।
6. तथापि, चूँकि याचिकाकर्ता/कर्मचारी 30 जून या 31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त हुए, वे अगले दिन यानी 1 जुलाई या 1 जनवरी को देय वार्षिक वेतनवृद्धि पाने के अधिकारी हैं।
7. इस न्यायालय ने पूर्व में Rushibhai Jagdishchandra Pathak v. Bhavnagar Municipal Corporation, 2022 SCC OnLine SC 641 का अनुसरण करते हुए देरी से याचिका दायर करने पर तीन वर्ष पूर्व तक ही बकाया देने की सीमा लगाई थी, परंतु C.P. Mundinamani के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश दिनांक 06.09.2024 (संशोधित आदेश दिनांक 20.02.2025) में Union of India v. M. Siddaraj (Civil Appeal No. 3933/2023) में निम्न स्पष्टीकरण दिए—
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश:
(a) तृतीय पक्ष (third parties) को 11.04.2023 के निर्णय का लाभ 01.05.2023 से मिलेगा। इसके पूर्व की तिथि का बढ़ा हुआ पेंशन देय नहीं होगा।
(b) जिन्होंने रिट याचिका दायर कर सफलता प्राप्त की है, उनके लिए निर्णय res judicata के रूप में लागू होगा और उन्हें एक वेतनवृद्धि जोड़कर पेंशन देनी होगी।
(c) उपरोक्त (b) लागू नहीं होगा यदि निर्णय अंतिम नहीं हुआ है या अपील लंबित है।
(d) जिन सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने आवेदन/हस्तक्षेप/रिट/ओए दायर किया है, उन्हें आवेदन दायर करने के तीन वर्ष पूर्व की अवधि तक बढ़ा पेंशन देय होगी।
8. सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि खंड (d) उन मामलों पर लागू नहीं होगा जहाँ याचिका M. Siddaraj के निर्णय (19.05.2023) के बाद दायर की गई है — ऐसे मामलों में खंड (a) लागू होगा। किसी भी कर्मचारी को यदि लाभ न मिले तो वे पहले विभाग के समक्ष और फिर आवश्यक होने पर न्यायाधिकरण/उच्च न्यायालय जा सकते हैं। सरकार को आदेश दिया गया है कि वह दिनांक 20.02.2025 के सुप्रीम कोर्ट निर्देशों के अनुसार मामलों को शीघ्र निपटाए।
9. इस प्रकार, जहाँ याचिकाकर्ताओं ने देरी से रिट दायर की है, वहाँ बकाया केवल 01.05.2023 से देय होगा। अन्य मामलों में बकाया सेवा निवृत्ति की तिथि से देय होगा तथा 7% वार्षिक ब्याज मिलेगा (जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने M. Siddaraj में निर्देशित किया)।
10. अतः उत्तरदाताओं को निर्देशित किया जाता है कि:- 1 जुलाई या 1 जनवरी को देय वेतनवृद्धि याचिकाकर्ताओं को दी जाए, सभी परिणामी लाभ भी ऊपर वर्णित तरीके से प्रदान किए जाएँ, तथा वेतनवृद्धि से प्राप्त राशि छह सप्ताह के भीतर अदा की जाए।
11. उपर्युक्त के अनुसार सभी रिट याचिकाएँ निस्तारित की जाती हैं।
(संजीव सचदेवा)
मुख्य न्यायाधीश
(विनय सारथ)
न्यायाधीश
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⚖️ वार्षिक वेतनवृद्धि (Increment) – सरल हिन्दी सार
1. मामला किस बारे में है?
कई कर्मचारी 30 जून या 31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त हुए। इन कर्मचारियों को अगले दिन (1 जुलाई या 1 जनवरी) मिलने वाली वर्ष की अंतिम वेतनवृद्धि नहीं दी गई थी। इसी को लेकर सभी ने याचिकाएँ दायर की थीं।
2. सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने C.P. Mundinamani केस में स्पष्ट कहा कर्मचारी जब एक साल की सेवा अच्छे आचरण से पूरी कर लेता है, वेतनवृद्धि का हक उसी समय पक्का हो जाता है। चाहे वह सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले ही क्यों न हो। इसलिए 30 जून को रिटायर हुआ कर्मचारी 1 जुलाई की वेतनवृद्धि का अधिकारी है। और 31 दिसम्बर को रिटायर हुआ कर्मचारी 1 जनवरी की वेतनवृद्धि का अधिकारी है।
3. मध्य प्रदेश सरकार का आदेश (15.03.2024)- राज्य सरकार ने भी सभी विभागों को निर्देश दिए कि ऐसे कर्मचारियों को देय वेतनवृद्धि दी जाए।
4. सुप्रीम कोर्ट द्वारा 20.02.2025 को दी गई महत्वपूर्ण स्पष्टता
(A) यदि कर्मचारी ने कोई याचिका नहीं की थी (Third Party):- बढ़ी हुई पेंशन 1 मई 2023 से ही मिलेगी। इसके पहले का पैसा नहीं मिलेगा।
(B) जिन्होंने रिट दायर की और केस जीता:- उन्हें पूरा लाभ मिलेगा (judgment res judicata)। यानी उनकी पेंशन में एक इन्क्रीमेंट जोड़कर उसी के अनुसार भुगतान।
(C) यदि केस अभी अपील में लंबित है:- तब लाभ तब तक नहीं मिलेगा।
(D) जिन्होंने याचिका/हस्तक्षेप/ओए दायर की:- उन्हें याचिका दायर करने से 3 साल पहले तक का बकाया मिलेगा।
महत्वपूर्ण:
जो कर्मचारी M. Siddaraj (19.05.2023) के निर्णय के बाद कोर्ट आए, उन पर (D) लागू नहीं होगा। उन्हें केवल 1 मई 2023 से ही बकाया मिलेगा (जैसा कि (A) में है)।
5. हाई कोर्ट का अंतिम आदेश
अदालत ने कहा:- सभी याचिकाकर्ताओं को उनकी देय वेतनवृद्धि (1 जुलाई/1 जनवरी) दी जाए। साथ में पेंशन एवं अन्य लाभ भी उसमें जोड़कर तय किए जाएँ यदि देरी से याचिका दायर की है → बकाया 01.05.2023 से मिलेगा। यदि देरी नहीं है → बकाया सेवानिवृत्ति की तिथि से मिलेगा ब्याज 7% प्रतिवर्ष दिया जाएगा। पूरा भुगतान 6 सप्ताह के भीतर किया जाए।
📌 संक्षेप में — आपका लाभ क्या है?
✔ 30 जून या 31 दिसम्बर को रिटायर होने पर
➡ 1 जुलाई / 1 जनवरी की वेतनवृद्धि पक्की है।
✔ यह वेतनवृद्धि आपकी पेंशन
में जोड़कर
➡ पेंशन + बकाया + 7% ब्याज दिया जाएगा।
✔ भुगतान सरकार को 6 सप्ताह में करना होगा।
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