Wednesday, 15 October 2025

पुलिस को FIR दर्ज करने के लिए सूचना की सत्यता की जांच करने की आवश्यकता नहीं: सुप्रीम कोर्ट

पुलिस को FIR दर्ज करने के लिए सूचना की सत्यता की जांच करने की आवश्यकता नहीं: सुप्रीम कोर्ट

  11 Sept 2025 सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि पुलिस को FIR दर्ज करते समय शिकायत की सत्यता या विश्वसनीयता की जांच करने की आवश्यकता नहीं है; यदि शिकायत में प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध का पता चलता है तो पुलिस FIR दर्ज करने के लिए बाध्य है। अदालत ने कहा, "यदि प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध बनता है तो FIR दर्ज करना पुलिस का कर्तव्य है, पुलिस को उक्त सूचना की सत्यता और विश्वसनीयता की जांच करने की आवश्यकता नहीं है।" अदालत ने कहा कि रमेश कुमारी बनाम राज्य (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली) (2006) 2 एससीसी 677 में यह निर्धारित किया गया कि "सूचना की सत्यता या विश्वसनीयता एफआईआर दर्ज करने के लिए पूर्व शर्त नहीं है।" जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की खंडपीठ ने दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त नीरज कुमार और इंस्पेक्टर विनोद कुमार पांडे के खिलाफ FIR दर्ज करने के दिल्ली हाईकोर्ट का निर्देश बरकरार रखते हुए ये टिप्पणियां कीं। यह निर्देश वर्ष 2000 में CBI में प्रतिनियुक्ति के दौरान धमकाने, रिकॉर्ड में हेराफेरी और जालसाजी के आरोपों के बाद दिया गया था।


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