मोटर दुर्घटना मुआवजा - स्व-नियोजित और निश्चित वेतन वाले व्यक्तियों के मामलों में भविष्य की संभावनाओं पर विचार किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में मोटर दुर्घटना मुआवजे का निर्धारण करते समय भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखने के हाईकोर्ट का फैसला अस्वीकार कर दिया। हाईकोर्ट ने मुद्रास्फीति के प्रभाव और करियर की स्वाभाविक प्रगति को नजरअंदाज करते हुए निश्चित वेतन और स्व-नियोजित कमाने वालों को इस तरह के विचार से बाहर रखा था। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस प्रसन्ना बी. वराले की खंडपीठ ने मोटर वाहन अधिनियम, 1988 (MV Act) की धारा 168 के तहत न्यायसंगत मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए भविष्य की आय क्षमता पर विचार करने के महत्व पर जोर दिया। न्यायालय ने फैसला सुनाया कि निश्चित वेतन और स्व-नियोजित दोनों व्यक्तियों में मुद्रास्फीति और करियर की उन्नति के कारण आय वृद्धि की क्षमता होती है। इस प्रकार, उन्हें उनके मुआवजे में भविष्य की संभावनाओं से वंचित नहीं किया जा सकता है।
केस टाइटल: कविता नागर एवं अन्य बनाम ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (तथा इससे जुड़े मामले)
https://hindi.livelaw.in/round-ups/supreme-court-weekly-round-up-a-look-at-some-important-ordersjudgments-of-the-supreme-court-276132
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