*म.प्र. आबकारी अधिनियम मे संज्ञान नहीं*
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 एवं मध्य प्रदेश आबकारी अधिनियम की धारा 34 दो 44 व 61- आपराधिक कार्रवाईयों का अभिखंडित किया जाना- परिवाद का संज्ञान- न्यायालय ने याची के विरुद्ध 1915 के आवकारी अधिनियम की धारा 34(2) व 44 के अंतर्गत अपराध हेतु संज्ञान लिया - को चुनौती - अभिनिर्धारित - आबकारी अधिनियम 1915 की *धारा 61 के अनुसार मजिस्ट्रेट द्वारा संज्ञान केवल कलेक्टर या आबकारी अधिकारी जो जिला आबकारी अधिकारी के पद से नीचे का न हो, जैसा कि इस हेतु कलेक्टर द्वारा प्राधिकृत किया गया हो, के द्वारा प्रस्तुत परिवाद पर लिया जा सकता है* - वर्तमान प्रकरण में उक्त अधिकारियों द्वारा परिवाद प्रस्तुत नहीं किया गया था - धारा 61 के उपबंधो का पालन नहीं किया गया था - मजिस्ट्रेट के समक्ष लंबित कार्यवाहियां अभिखंडित की गई - आवेदन मंजूर किया गया ।
दिनेश विरुद्ध मध्य प्रदेश राज्य, ILR 1544 MP 2017
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 एवं मध्य प्रदेश आबकारी अधिनियम की धारा 34 दो 44 व 61- आपराधिक कार्रवाईयों का अभिखंडित किया जाना- परिवाद का संज्ञान- न्यायालय ने याची के विरुद्ध 1915 के आवकारी अधिनियम की धारा 34(2) व 44 के अंतर्गत अपराध हेतु संज्ञान लिया - को चुनौती - अभिनिर्धारित - आबकारी अधिनियम 1915 की *धारा 61 के अनुसार मजिस्ट्रेट द्वारा संज्ञान केवल कलेक्टर या आबकारी अधिकारी जो जिला आबकारी अधिकारी के पद से नीचे का न हो, जैसा कि इस हेतु कलेक्टर द्वारा प्राधिकृत किया गया हो, के द्वारा प्रस्तुत परिवाद पर लिया जा सकता है* - वर्तमान प्रकरण में उक्त अधिकारियों द्वारा परिवाद प्रस्तुत नहीं किया गया था - धारा 61 के उपबंधो का पालन नहीं किया गया था - मजिस्ट्रेट के समक्ष लंबित कार्यवाहियां अभिखंडित की गई - आवेदन मंजूर किया गया ।
दिनेश विरुद्ध मध्य प्रदेश राज्य, ILR 1544 MP 2017
No comments:
Post a Comment