किसी प्रावधान का स्पष्टीकरण कब पूर्वव्यापी प्रभाव वाला होगा ? सुप्रीम कोर्ट ने समझाया
सुप्रीम ने हाल ही में कहा कि बाद के आदेश/प्रावधान/संशोधन को मूल प्रावधान के स्पष्टीकरण के रूप में पारित करते समय, इसमें मूल प्रावधान के दायरे का विस्तार या परिवर्तन नहीं करना चाहिए और ऐसा मूल प्रावधान पर्याप्त रूप से धुंधला या अस्पष्ट होना चाहिए ताकि इसके स्पष्टीकरण की आवश्यकता हो । सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि यह अच्छी तरह से स्थापित है कि किसी कानून में किसी भी अस्पष्टता को दूर करने या किसी स्पष्ट चूक को दूर करने के लिए एक स्पष्टीकरण या स्पष्टीकरण पूर्वव्यापी रूप से लागू होगा, उसे इस सवाल पर विचार करना होगा कि कानून के लिए इस तरह का स्पष्टीकरण/ व्याख्या को कैसे किसी क़ानून में एक मूल संशोधन से पहचाना और अलग किया जा सकता है।
केस : श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय बनाम डॉ मनु
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