सुप्रीम कोर्ट का आदेश अक्षरश: लागू किया जाना चाहिए, इसे कागजी आदेश के रूप में नहीं माना जा सकता : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसके आदेशों को अक्षरश: लागू किया जाना चाहिए और इसे कागजी आदेश के रूप में मानने की अनुमति नहीं दी जा सकती। सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में पारित एक आदेश में निर्देश दिया कि यदि प्रतिवादी बकाया का भुगतान करने में विफल रहता है तो मामले में दायर साक्ष्य को काट दिया जाएगा और न्यायालय मामले में आगे बढ़ेगा और इसका फैसला करेगा।
केस : देबिब्रत चट्टोपाध्याय बनाम झरना घोष | अवमानना याचिका (सिविल) 320/2022
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