*लिव-इन रिलेशन अनुच्छेद 21 के तहत प्रदान की गई संवैधानिक गारंटी का बाय-प्रोडक्ट है; यह कामुक व्यवहार और यौन अपराधों को बढ़ावा देता है: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट*
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने हाल ही में संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदान की गई संवैधानिक गारंटी के उप-उत्पाद (By-Product) के रूप में लिव-इन-रिलेशनशिप (live-in-relationship) के प्रतिबंध को करार दिया है, और देखा है कि इस तरह के संबंध 'संलिप्तता', 'कामुक व्यवहार' और यौन अपराधों को बढ़ावा देते हैं। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की पीठ ने आगे टिप्पणी की, "जो लोग इस स्वतंत्रता का फायदा उठाना चाहते थे, वे इसे अपनाने के लिए तत्पर हैं, लेकिन पूरी तरह से इस बात से अनजान हैं कि इसकी अपनी सीमाएं हैं और इस तरह के संबंधों के लिए किसी भी साथी को कोई अधिकार नहीं देता है।" केस का शीर्षक - अभिषेक बनाम मध्य प्रदेश राज्य
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