प्रति,
माननीय नरेन्द्र मोदी,
प्रधानमंत्री, भारत सरकार
नईदिल्ली, भारत
विषय:- माननीय उच्चतम न्यायालय की मंशा के अनुरूप ’’ प्रतिकूल कब्जा’’ (एडवर्स पोजीशन) का कानून समाप्त करने के संबंध में।
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महोदय,
उपरोक्त विषयांतर्गत लेख है कि इस स्वतंत्र भारत मंे अंग्रेजों की दास्तावाले कानून के अनुसार अब भी कोई दबंग व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की स्थायी सम्पत्ति (भवन/भूमि/प्लाॅट) पर 12 वर्षो तक विरोधी आधिपत्य/प्रतिकूल कब्जा (एडवर्स पोजीशन) कर कब्जा कर लेता है तो कानून दबंग व्यक्ति को उस सम्पत्ति का स्वामी घोषित कर देता है और यदि ऐसी स्थायी सम्पत्ति/भूमि राज्य या केन्द्रीय सरकार की है तो उस पर ऐसे दबंग व्यक्ति को 30 वर्षो तक कब्जा रखने पर स्वामित्व के अधिकार प्राप्त हो जाते हैं। स्वतंत्र भारत में अब भी ऐसे कानून भारतीयों की गुलामी की मानसिकता को प्रकट करते है, इसे तत्काल समाप्त किया जाना चाहिए। इस संबंध में यह भी अवलोकनीय है कि भारतीय न्यायालयों में लाखों प्रकरण लंबित है और दबंग व्यक्तियों द्वारा सीधे-साधे व्यक्तियों से अनेकों झगड़े दिन-प्रतिदिन किये जाते हैं।
इस कानून के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने न्यायदृष्टांत हेमाजी बाघजी जाट विरूद्ध भिखाभाई के.हरिजन ए.आई.आर 2009 सुप्रीम कोर्ट, 103 में विरोधी आधिपत्य के कानून को वास्तविक स्वामी के लिए बहुत कठोर या हास तथा बेईमान व्यक्ति के लिए हवा से गिरा हुआ फल या बिम्ब फाॅल बतलाया है और कहा है कि यह कानून अनुपातहीन, विवेकहीन और असंगत है। उक्त न्यायदृष्टांत मेें माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा विरोधी आधिपत्य के इस कानून पर भारत सरकार को गंभीरता से विचार करके युक्तियुक्त परिवर्तन की अनुशंसा भी की गयी है।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने इस कानून पर अपना मत व्यक्त करते हुए न्यायदृष्टांत यशवंत राव विरूद्ध श्रीमति जहूर बी 1995(2) डब्ल्यू.एन. 92 में यह प्रतिपादित किया गया है कि ये प्रावधान एक व्यक्ति को बेईमान होने के लिए प्रोन्नत करते हैं और इस सिद्धांत का नेतृत्व करते है कि ’’हफीज पे तफीज’’ साथ ही ये प्रावधान असंवैधानिक है और संविधान के अनुच्छेद 300(1) का उल्लंघन करते हैं, लेकिन अब भी विरोधी आधिपत्य में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।
फलतः माननीय उच्चतम न्यायालय एवं विभिन्न उच्च न्यायालयों द्वारा विरोधी आधिपत्य के कानून को अनुपातहीन, विवेकहीन और असंगत एवं संविधान के अनुच्छेद 300(1) का उल्लंघन में होना तथा दबंग व्यक्तियों के पक्ष का होना बताते हुए इसमें संशोधन करने की अनुशंसा भारत सरकार से की है, इसलिये भारतीय नागरिकों की सम्पत्ति के अधिकारों की रक्षा के लिए विरोधी आधिपत्य (एडवर्स पोजीशन) के कानून को तत्काल समाप्त किये एवं किसी अन्य व्यक्ति या राज्य या केन्द्रीय सरकार की स्थायी सम्पत्ति या भूमि, भवन आदि पर विरोधी आधिपत्य करने को अपराध घोषित करते हुए कम से कम तीन साल की सजा का प्रावधान किये जाने का सादर निवेदन है।
संलग्न-
लालाराम मीना (पूर्व न्यायाधीष)
प्रदेश अध्यक्ष
मकान नं-बी-43
अंबेडकर काॅलोनी ओल्ड सुभाषनगर
(गोविन्दपुरा रोड) भोपाल म0प्र0 462023
प्रतिलिपिः-
1. माननीय अरूण जेटली, विधिमंत्री भारत सरकार नईदिल्ली।
2. माननीय शिवराज सिंह चैहान, मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन भोपाल।
3. विधि आयोग, भारत सरकार नईदिल्ली।
लालाराम मीना (पूर्व न्यायाधीष)
प्रदेश अध्यक्ष
मकान नं-बी-43
अंबेडकर काॅलोनी ओल्ड सुभाषनगर
(गोविन्दपुरा रोड) भोपाल म0प्र0 462023